Motivational Speech in Hindi – जब कोई इंसान ठानता है तो विज्ञान दांतो तले उंगली दबाता है। सबसे पहले पहले विज्ञान दांतो तले उंगली दबाता है।
दुनिया में सबसे ज्यादा वजन किसने उठाया?
तो लोग उत्तर देते हैं – जो वेटलिफ्टर होगा उसने उठाया। नहीं, उस मां ने जिसका बच्चा मिनी ट्रक के नीचे दब गया।
सेकंड लगे और मिनी ट्रक को उठा दिया उस मां ने जो 20 किलो वजन नहीं उठा सकती।
साइंस के पास जवाब नहीं है? क्यों?
क्योंकि “ठानना पड़ेगा” का फार्मूला ना केमिस्ट्री में है, ना बॉटनी में, ना जूलॉजी में, ना अर्थशास्त्र में। विश्व की किसी किताब में ठानना पड़ेगा का फार्मूला नहीं है।
सबसे तेज कौन दौड़ा?
तो पूरी दुनिया बोलती है जिसने बहुत तेज दौड़ने की प्रैक्टिस सालों से की होगी।
अरे! वह दौड़ा जिसकी टांगे नहीं थी क्योंकि पीछे मौत थी। विज्ञान कहती है कि 9 डेसीबल से ज्यादा दर्द अगर इंसान को हो जाए तो वह मर जाता है। पर गर्भवती मां अपने बच्चे को जन्म देते समय 12 डेसीबल तक दर्द सहन कर जाती है।
जवाब नहीं है विज्ञान के पास। यह कैसे संभव है? यह कैसे हो सकता है? अविश्वसनीय है यह.
“ठानना पड़ेगा” का उत्तर पूरी दुनिया के पास नहीं है। और विश्व की किसी भी किताब में नहीं है।
ठानने से वह हो जाता है जो हजारों सालों में साइंस नहीं देख पाती।
Motivational Speech in Hindi
एक लात किसी को कई सालों पहले साउथ अफ्रीका में मारी गई। किसी को यह नहीं पता था कि यह लात इतनी भारी पड़ेगी कि वह आदमी ठान लेगा। तुमने ट्रेन से लात मारी है, मैं तुम्हें मेरे देश से लात मारूंगा।
महात्मा गांधी। ठान लिया। ठान लिया जिंदगी में। जब ड्रीम जागता है, जब निर्णय की शक्ति जागती है, जब मंजिल पुकारती है, तो अंदर से ठानना शुरू होता है।
रात को 3:00 बजे अंगुलियों में खून आ जाता था ठंड में सचिन तेंदुलकर को। यह हिस्सा किसी ने नहीं देखा। सारी दुनिया को लास्ट प्रोडक्ट पता है। “क्रिकेट का भगवान“।
अरे बना कैसे?
रातों प्रैक्टिस की। ठाना।
अमिताभ बच्चन 400 करोड़ माइनस। अर्श से सीधा फर्श पर।
फिर जिंदगी में ठाना और फिर उठ गया।
यह ठानने की जो फिलॉसफी है यह आपको पता होनी चाहिए।
ठान सकते हो? ड्रीम देख सकते हो?
क्योंकि काम कारण के बिना होता नहीं है।
अगर मैं कहूं कि दीवार को तोड़ो और तरीके भी बताता हूं कि इसको पत्थर से, हथौड़े से, बुलडोजर से तोड़ो।
क्या आप तोड़ेंगे? और तरीके भी बता दिए फिर भी नहीं तोड़ेंगे।
अब मैं आपको बोलता हूं कि जो तोड़ेगा उसको 100 करोड़ रुपये जो दीवार के दूसरी तरफ रखे हैं उसको मिलेंगे जो पहले तोड़ेगा। क्या अब आप मुझसे तरीके पूछेंगे?
अब चाहे आप अपने सिर से तोड़ें, लेकिन तोड़ेंगे।
पहले कारण नहीं था और अब कारण है ठानने का।
एक आदमी को 104 डिग्री बुखार है और उसको उसका दोस्त उसे उठाकर बोला –
– चल घूमने चलते हैं।
बीमार – अरे भैया।
– नहीं तू चल सकता है।
बीमार – अरे मैं और चल, मैं तो हिल भी नहीं सकता।
– नहीं नहीं तू दौड़ भी सकता है।
बीमार – अरे नहीं, मैं हिल भी नहीं सकता तुम दौड़ने की कह रहे हो।
अब जो उसको कह रहा था ना, वो पागल था क्योंकि अब उसने ठान लिया था कि इसको दौड़ाना है।
उसने उसके पीछे कुत्ता लगाया। बुलडॉग। बुलडॉग जानते हो आप? बुलडॉग का मतलब है जिस हिस्से को छू लेगा, वहां से 8 इंच का गोला करके जाएगा।
जो हिल नहीं रहा था अब वह ऐसा दौड़ा कि रुक नहीं रहा। यह कैसे हो सकता है?
अरे यह संभव ही नहीं है। 104 डिग्री में जो हिल नहीं रहा था, अब रुक नहीं रहा।
पहले दौड़ने का कारण नहीं था अब रुकने का कारण नहीं है। क्योंकि जो बुखार में लेटे रहने का दर्द था उस दर्द से बड़ा 8 इंच के गोले का है।
अरुणिमा सिन्हा, एक नेशनल वॉलीबॉल प्लेयर जब ट्रेन से जा रही थी तो कुछ गुंडों ने उनको धक्का मारकर नीचे फेंक दिया। वह पूरी रात उधर पड़ी रही, कोई बचाने नहीं आया। और जब सुबह पड़ोस के गांव वालों ने उसे देखा तो उसे अस्पताल पहुंचाया।
डॉक्टर ने उसको बताया कि उसका एक पैर कट गया है वह अपाहिज हो गई है। उस की रीड की हड्डी में भी फ्रैक्चर हो गया है। अब वह मुश्किल से चल सकती है।
लेकिन उसने ठान लिया कि अब मैं माउंट एवरेस्ट चढ़ूंगी। उसके सीने में एक आग लग गई कि कुछ करके ही बताऊंगी।
कटे हुए पैर के साथ उसने माउंट एवरेस्ट चढ़ा और वह दुनिया की पहेली महिला बनी कि जिसने अपाहिज होकर माउंट एवरेस्ट पर फतेह हासिल की।
आपके पीछे एक आग होनी चाहिए क्योंकि रॉकेट को भी जितना ऊपर भेजना होता है उतनी ही आग उसके पीछे लगाई जाती है।
आज ठान लो ठान लो कि आप आप अपने सपने पूरे करेंगे ठान लो कि अब आप अपने लक्ष्य को पूरा करेंगे।
आज ही और अभी क्योंकि इससे बेहतर कोई समय नहीं हो सकता।
दशरथ मांझी। पत्नी बीमार हो गई अस्पताल दूर होने के कारण उसे बचा नहीं सके। छिनी और हथोड़ा लेकर उसने ठान लिया कि पर्वत को तोड़ दूंगा। लोगों ने बोला पागल है तू। 22 साल में पूरा पर्वत तोड़ डाला।
क्या बोला वो? भगवान के भरोसे मत बैठो क्या पता भगवान तुम्हारे भरोसे बैठा हो।
भगवान ने हम सब को ठानने की शक्ति बराबर दी है।
कोई आपसे कहे कि तू यह नहीं कर सकता। कहते हैं ना कि यह तेरे बस की बात नहीं। वह खुद एक साइकिल का पंचर कर रहा होता है और हम से बोलता है कि यह तेरे बस की बात नहीं।
ऐसे लोगों का सिर्फ दो ही काम होता है – दूसरों को नीचा दिखाना और साइकिल का पंचर लगाना।
आदमी को शारीरिक बल से नहीं दिमागी बल से मजबूत होना चाहिए। फिर उसको दुनिया में कोई भी ताकत नहीं हरा सकती।
सफलता तो हर कोई चाहता है अपने जीवन में। लेकिन क्या सभी को सफलता मिलती है। नहीं, नहीं मिलती है। इसका कारण क्या है? कारण सिर्फ यही है कि आपने अपनी जिंदगी में अभी तक ठाना नहीं है।
जैक मा जो 30 से ज्यादा इंटरव्यू में फेल होने के बाद alibaba.com जैसी वेबसाइट बनाई और दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शामिल हुए।
उन्होंने ठान लिया था कि मुझे कुछ बड़ा काम करना है।
इलोन मस्क ने ठान लिया था कि मुझे स्पेस तक सस्ती रॉकेट में जाना है। दोस्तों, इलोन मस्क ने कभी रॉकेट साइंस की पढ़ाई नहीं की लेकिन उन्होंने अपने रॉकेट स्पेस तक पहुंचा दिए।
बिल गेट्स ने यह ठाना था कि मुझे कंप्यूटर को हर घर में हर दुकान पर हर ऑफिस में पहुंचाना है और उन्होंने यह काम बेहतरीन तरीके से करके दिखाया।
वह लोग नहीं थे जिनके पास बहुत पैसा था। यह वह लोग नहीं थे जिनके पास बहुत साधन थे। उन्होंने ठान लिया था कि यह काम करना है।
जब कोई ठान लेता है तो उसके अंदर एक आग जलती है। जिस व्यक्ति ने ठान लिया है उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
आपका ड्रीम तुड़वाएगा बेड़ियां।
निराशा के अंधकार तोड़ कर उम्मीद कोई किरन तू लाएगा।
विश्वास के दम पर ही तू बहुत दूर जा पाएगा।
कुछ कर गुजरने के लिए आज तुम को ठानना पड़ेगा।
दोस्तों, उम्मीद है आपको यह motivational speech in Hindi चार्ज करने का काम करेगी. और आप कुछ ऐसा ठान लेंगे जो आपके जीवन को बेहतरी की ओर ले जाएगा. शेयर करें क्योंकि शेयर करना अच्छा होता है. यह motivational speech in Hindi पढ़ने के लिए धन्यवाद.
Credit – हर्षवर्धन जैन
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