3 Republic Day Essay in Hindi

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Republic Day Essay in Hindi (Essay No. -1)

गणतंत्र दिवस पर निबंध 300 शब्दों में

Introduction

भारत का गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है। 26 जनवरी का यह दिन हर भारतीय के लिए पूरे गर्व की बात होती है। इस दिन भारत का संविधान सार्वजनिक किया गया था। हमारे देश के प्रेसिडेंट हमारे तिरंगा को फहराते हैं और इस दिन की शुरुआत करते हैं।

इस दिन सभी स्कूल और डॉक्टरों की छुट्टी होती है। हर कोई इस दिन को पूरे हर्षोल्लास के साथ बनाता है। भारत का पहला गणतंत्रता दिवस 1950 में मनाया गया था। भारत की आजादी के बाद यह पहला दिन था जब भारत की संविधान का बीज बोया गया था।

26 जनवरी के दिन सभी लोग तैयार होकर तिरंगे को लहराना पसंद करते हैं। सभी बच्चे स्कूल जाते हैं जहां यह सब मिलकर तिरंगा लहराते है और राष्ट्रगान गाते हैं। सभी सरकारी दफ्तरों और ऑफिस मैं भी तिरंगा लहरा कर इस गौरवशाली दिन को मनाया जाता है।

गणतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में परेड निकली जाती है। इस परेड में सेना अपने बल का प्रदर्शन करती है। वहीं दूसरी तरफ कई कलाकार इस परेड में शामिल होकर भारत की संस्कृति का प्रदर्शन करते हैं। परेड में हमें भारत के सभी रंग देखने को मिलते हैं।

Conclusion

गणतंत्रता दिवस का यह दिन हर भारतीय के लिए यह गर्व की बात है। बहुत सारे बलिदान और भारत की आजादी के सपनों के कारण हम सभी इस दिन को देख पाए। हम सभी यह तो जरूर जानते हैं कि 26 जनवरी के दिन भारत का संविधान सार्वजनिक किया गया था, परंतु हम सब को यह याद रखना भी बहुत जरूरी है कि हमारे देश ने कितनी सारी चीजें खो कर आजादी पाई और उस आजादी को चलाने के लिए इस संविधान को मनाया गया। मैं अपने देश के गौरवशाली इतिहास पर गर्व महसूस होना चाहिए।आज के दिन जब भी कोई भारतीय जय हिंद का नारा लगाता है तो वह नारा दिल से निकलता है।

Republic Day Essay in Hindi (Essay No. -2)

गणतंत्र दिवस पर निबंध 500 शब्दों में

Introduction

भारत का गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह कोई आम दिन नहीं बल्कि हर भारतीय के लिए उनके देश के गौरव और आत्म सम्मान की बात का दिन है। यह वही दिन है जब भारत में अपना सबसे मजबूत और शक्तिशाली समाधान सार्वजनिक किया था। राष्ट्रीय छुट्टी के रूप में यह एक ऐसा त्यौहार है जिसे हर धर्म और जाति का इंसान एकजुट होकर बनाता है। यह दिन लोगों को बांटा नहीं बल्कि पूरे देश की एकता का प्रतीक माना जाता है। आज के दिन भारत ने जो पाया था, और हमारे देश के प्रति जो हमारी जिम्मेदारियां हैं, आज का हमारा यह दिन इन दोनों चीजों के लिए मनाया जाता है।

Celebrations

गणतंत्रता दिवस की शुरुआत कुछ इस तरह होती है कि, हमारे देश के प्रधानमंत्री भारत के झंडे को लहराते हैं, के पश्चात पूरा भारत एक होता है। इसी के साथ साथ सभी मिलकर राष्ट्रगान भी गाते हैं। हमारे तिरंगे के सभी रंग किस बात का प्रतीक है, कि जब हमारा तिरंगा शान से लहराता है, उसको इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए कितनी मेहनत और बलिदान हमारी मिट्टी ने करी है। 1950 मैं हमारा संविधान सार्वजनिक किया गया था। जब 1947 में हमारे देश को आजादी मिली थी, देश चलाने के लिए केवल आजादी बहुत नहीं थी। हमें कुछ ऐसी नियम और कानून चाहिए थे, जिनके दम पर हम देश को चला सके।

भारत के संविधान को कुछ इस तरह बनाया गया जिसमें कुछ ऐसी नियम और कानून लागू हो, ऋषि कभी किसी के साथ अन्याय ना हो और सभी को एक समान न्याय प्राप्त हो। हमारे संविधान को बनाते हुए यह याद रखना बहुत जरूरी था कि ब्रिटिश कि राज्य में हमारे देश ने बहुत कुछ खोया था। भारत का बहुत सारा धन भी जा चुका था। भारत को एक ऐसी इकनोमिक सिस्टम की जरूरत थी जिससे हम भारत को सभी देशों के मुकाबले एक मजबूत देश की तरह खड़ा कर सकें।

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की निरीक्षण में एक कमेटी साझा की गई। इस कमेटी ने 2 साल और 11 महीने तक का समय लिया। इस दौरान उन्होंने कई से नियम कानून बनाए उन पर चर्चा की और यह देखा कि किस तिथि में कौन सा नियम कानून लागू किया जाना सही रहेगा। बहुत ही सोच विचार और चर्चा के बाद। आखिरकार भारत की संविधान को 26 जनवरी 1950 के दिन साझा किया गया।

इस दौरान भारत के पहले प्रेसिडेंट डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी ने इस संविधान को चलाना शुरु किया और पहली बार 26 जनवरी को गणतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हुए भारत का तिरंगा लहराया था। हमारे गणतंत्रता दिवस में भारत की आजादी को एक मतलब दिया और उसे पूरा किया। हमारे संविधान ने हमारे देश को एक नई पहचान दी। इसने हमारे देश को पूरे दुनिया की नजरों में एक मजबूत और जानी-मानी शक्ति के रूप में स्थापित किया गया।

Conclusion

चाहे बच्चा हो या बड़ा भारत का हर एक सदस्य इस दिन अपने देश की एकता और अखंडता की मिसाल देता है। हमारा यह दिन देश के एक एक नागरिक के दिल में देशभक्ति का दिया जलाता है।

Republic day essay in Hindi (Essay No. -3)

गणतंत्र दिवस पर निबंध 1000 शब्दों में

Introduction

हर साल भारत का गणतंत्रता दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन हमारी राष्ट्रीय छुट्टी के नाम इसीलिए घोषित किया गया है क्योंकि इस दिन हमारे भारत का संविधान साझा किया गया था। 1950 में जब हमारे देश का गणतंत्रता दिवस मनाया गया, इसी के साथ-साथ गवर्नमेंट ऑफ इंडिया 8 जून 1930 5 में लाया गया था उसका अंत किया गया। इस दिन ने भारत को एक ऐसा देश बनाया, जब एक एक भारतीय स्वराज और पूर्ण आजादी की बातें किया करता था।

Celebrations

भारत में गणतंत्रता दिवस का राष्ट्रीय पर्व 3 दिन तक मनाया जाता है। जनवरी का महीना शुरू होते ही पूरे देश में देशभक्ति की एक लहर दौड़ उठती है। हमारी सरकार द्वारा गणतंत्रता दिवस का पूरा आयोजन नई दिल्ली में किया जाता है। इस आयोजन की परेड की जिम्मेदारी हमारे देश के सेना बल द्वारा ली जाती है। इस परेड में हमारा सेना बल हमारे देश की शक्तियों और दुश्मन से लड़ने के लिए बनाए गए हमारे सभी हथियारों का प्रदर्शन करते हैं। इसी के साथ साथ हमारे भारत देश के भिन्न-भिन्न प्रकार के धर्म और कलाओं का प्रदर्शन भी इस परेड में किया जाता है। यह परेड राष्ट्रपति भवन से शुरू होती है और इंडिया गेट से होकर निकलती है।

गणतंत्रता दिवस की तीसरे दिन हमारे देश की तीनों आर्मी, मिलकर एक म्यूजिकल बैंड आयोजित करती हैं। इस दिन के मुख्य अतिथि हमारे देश के राष्ट्रपति होते हैं। बीपीजी कमांडर के आदेश के पश्चात सभी लोग वहां मिलकर राष्ट्रगान गाते हैं, और गणतंत्रता दिवस के इस साल के कार्यक्रम को अंत करते हैं।

सभी स्कूल और कॉलेज बच्चे सफेद रंग के कपड़े पहन कर जाते हैं। इस दिन सभी लोग अपने हाथों में तिरंगा लिए विद्यालय जाते हैं, जहां सबसे पहले स्कूल की प्रिंसिपल झंडे को पैर आती है और सभी लोग मिलकर राष्ट्रगान गाते हैं। इसके पश्चात स्कूल में देशभक्ति को ध्यान में रखते हुए कई सारी स्पीच दी जाती है। स्कूल के बच्चे सतेज ऐकट और नित्य के रूप में देशभक्ति का प्रदर्शन करते हैं। कार्यक्रम के अंत में सभी बच्चों को तोहफे के रुप में चॉकलेट या लड्डू दिए जाते हैं।

इस दिन भारत की एक एक गली, दुकान और घर देशभक्ति के गीतों से गूंज उठता है। हर जगह हर मोड़ पर तिरंगा लहराता हुआ देखने को मिलता है। नहीं नहीं आज के दिन भारत के राष्ट्रपति सिविलयन अवॉर्ड भी देते हैं। इन पुरस्कारों में पद्म विभूषण पद्म भूषण और पद्मश्री शामिल होते हैं। यह तीनों भारत के सबसे उच्च पुरस्कारों में शामिल है।हमारे देश के उच्च न्यायालय के अनुसार यह पुरस्कार केवल किसी को सम्मानित करने के लिए नहीं दिए जाते। यह हमारे देश के गौरव का प्रतीक है, इन्हें मिलने वाले को उम्र भर इन पुरस्कारों को सम्मान से रखना है रतनी समय जिम्मेदारियों को बखूबी निभाना होता है।

गणतंत्रता दिवस हमारे देश के उस ऐतिहासिक सफर की कहानी है, जिस कहानी की शुरुआत भारत की स्वतंत्रता के साथ हुई थी। हमारा संविधान केवल 1 दिन में नहीं बना था इसे बनने में बहुत समय गया था। इस विचार ने हमारे देश में 1930 में ही जन्म ले लिया था, जब कांग्रेस ने ब्रिटिश राज्य से पूर्ण स्वराज की मांग की थी।

भारत की आजादी और एकता की मांग कभी कम नहीं हुई बल्कि यह तूफान ब्रिटिश राज्य पर भारी पड़ता चला गया। इसकी शुरुआत वहां हुई जब भारत में ब्रिटिश राज्य से पूर्ण आजादी की मांग करनी शुरू की। हर वह दिन हमारी भारत की एकता और शक्ति को बढ़ावा देता चला जा रहा था। आखिरकार जब हमारे देश को आजादी मिली तो हमारे देश के राष्ट्रपति हमारे देश के हेड कहलाए गए।

भारत का संविधान कुछ इस तरह तैयार किया गया कि अकेले भारत में ऐसे नियम और कानून लागू हो कि कोई भी बाहरी ताकत कभी हमें अपना गुलाम ना बना सके। वर्षों की मेहनत और विचार विवश ने हमारे देश के लिए सबसे बड़ा और शक्तिशाली संविधान तैयार किया गया। भारत में कुछ इस तरह के नियम कानून बनाए गए जिससे भारत के लोग खुद ही अपने देश को चलाने वाले लोगों का चुनाव करेंगे।

देश का संविधान को जिस तरह तैयार किया गया कि उसका एक एक नियम कानून देश के हर एक नागरिक के हक में हो। हर किसी को न्याय मिले और वह हर किसी के हक में हो। अगर कभी कुछ बुरा हो या कोई अनहोनी हो जाए तो भारत देश के लोगों को हमारे कानून पर इतना विश्वास हो कि उन्हें न्याय के लिए कहीं और ना जाना पड़े।

जवाहरलाल नेहरु जी ने हमारे देश के संविधान पर अपने हस्ताक्षर 24 जनवरी 1950 पर किए थे। इसी के साथ साथ 26 जनवरी 1950 को हमारे देश के संविधान को पूरे देश में घोषित किया गया था। हमारे देश के संविधान ने पूरी दुनिया की नजरों में हमें एक मजबूत राष्ट्र के रूप में स्थापित किया।

चाहे हम कितना ही लिख ले हर शब्द हमारे देश के गौरवशाली इतिहास को दर्शाने में कम पड़ जाते हैं। सालों की लड़ाई और बलिदान ने आज हमें वहां लाकर खड़ा किया है जहां दुनिया भर के सभी शक्तिशाली देशों में से एक नाम हमारे भारत देश का भी है। सभी देश भारत को एक प्रेरणा के रूप में देखते हैं। हमारा देश इस बात की मिसाल है कि किस तरह किसी भी मुसीबत से उभर कर, हम एक शक्तिशाली देश के रूप में खुद को स्थापित कर सकते हैं।

Conclusion

भारत केबल बहुत सी भाषाएं धर्म और जातियों का देश ही नहीं है बल्कि इस देश की मिट्टी हर उस शरीर के खून से रंगी है इन्होंने भारत की आजादी और एक मजबूत संविधान का सपना देखा था। उनके यह सभी सपने सच हुए और आज उन्हीं की वजह से हम अपने देश पर गर्व महसूस करते हैं।आज हर एक भारतीय चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में हो वह घर से खुद को भारतीय ही कहता है, इसके पीछे की वजह है हमारे देश की गौरवशाली कामयाबी कभी ना भूले जाने वाला इतिहास। आज हजारों देश हमारे देश की तरफ देखते हैं, क्योंकि हमारे देश का भाईचारा और एकता इस बात का सबूत है कि हम चाहे तो किसी भी जंग को जीत सकते हैं।

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