हम हर वर्ष 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं। आज हम आपके लिए Independence day essay in Hindi लेकर आएं हैं। इन निबंधो में हमने कोशिश की है हम हमारी आजादी के बारे में आपको संक्षेप में बता सकें। हमने इन essay on swatantrata diwas में स्वतंत्रता दिवस का आयोजन कैसे धूम-धाम से किया जाता है यह भी बताया है। आप इन निबंधों को अपनी कक्षा के काम के लिए भी लिख सकते हैं।
Short Essay on Independence Day in Hindi | स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 300 शब्द
हर वर्ष भारत अपना स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाता है। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व महसूस करने का दिन होता है। भारत की स्वतंत्रता कठोर परिश्रम और ना जाने कितनी जिंदगियों के बलिदान का प्रतीक है। स्वतंत्रता दिवस हमें यह सिखाता है कि हमें धरती की कद्र करनी चाहिए और उन सभी महान लोगों को कभी भूलना नहीं चाहिए, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण न्योछावर किए थे।
15 अगस्त यानी कि भारत का स्वतंत्रता दिवस, पूरे देश भर में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन बच्चा बच्चा अपने भारतीय होने पर गर्व महसूस करता है। स्वतंत्रता दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि, यह वह दिन है जब भारत ने सालों की मेहनत के बाद अंग्रेजों से भारत को मुक्त कराया था।
भारत का स्वतंत्रता दिवस भारत के भाईचारे और हजारों साल पुरानी संस्कृति को दर्शाता है। हर साल स्वतंत्रता दिवस अपने साथ-साथ देशभक्ति की भावना को भी लेकर आता है, और यह भावना हर भारतीय को जीने का उद्देश्य देती है।
स्वतंत्रता दिवस का मतलब होता है अपने देश के बच्चों और पूरी दुनिया को यह याद दिलाना कि भारत कोई कमजोर देश नहीं है। हमारे देश का इतिहास यह गवाह है यदि, भारत चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकता। स्वतंत्रता दिवस ही नहीं, हमें हर रोज अपने भारतीय होने पर गर्व है। बच्चा हो या बुढा हमारे देश के हर एक नागरिक को भारत के इस महान इतिहास पर नाज है।
हर वर्ष भारत का स्वतंत्रता दिवस बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन हमारे देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर हमारा तिरंगा झंडा लहराते हैं। तिरंगा लहराने के बाद प्रधानमंत्री पूरे देश को अपने सुनहरे भाषण से प्रेरित करते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर निकलने वाली परेड और झांकियां सभी को भारत की शक्तियों का एहसास दिलाती है।
Essay on Swatantrata Diwas | स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 500 शब्दों में
भारतीय चाहे दुनिया के किसी भी कोने में चलें जाएँ। हर भारतीय के दिल में अपने देश के प्रति इज्जत और सम्मान हमेशा बरकरार रहता है। भारत का स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त, अपने देश के उसी सम्मान और इज्जत को मनाने का पर्व है। हमारे देश के इतिहास में वह बात है जिस वजह से हमारा देश सोने की चिड़िया कहलाता है। एक मजबूत राष्ट्र होने के साथ-साथ सारी दुनिया भारत के भाईचारे और अपने देश के प्रति प्यार की मिसाल देती है।
भारत को अपनी स्वतंत्रता वर्ष 1947 में मिली थी। स्वतंत्रता दिवस हमारे यहां राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। अंग्रेजों ने यह पूरी कोशिश की थी वह किसी तरह भारत की अर्थव्यवस्था और आजादी को पूरी तरह नष्ट कर दें। उन अंग्रेजों को यह अंदाजा भी नहीं था कि भारत में कुछ ऐसे भी लोग मौजूद थे जो उनके राज्य का हमेशा के लिए अंत कर देंगे।
महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय, भगत सिंह, पंडित जवाहरलाल नेहर, स्वामी विवेकानंद, रानी लक्ष्मीबाई, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, बाल गंगाधर तिलक, मंगल पांडे और ऐसे कई नाम जुड़े है हमारे देश की स्वतंत्रता के साथ। यह सभी नाम भारत के इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए अमर हो चुके हैं।
एकता और अखंडता का प्रतीक
स्वतंत्रता दिवस पर भारत उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देता है जिन्होंने भारत की एकता और अखंडता के लिए एक ऐसी लड़ाई लड़ी जिसमें बहुत सारी जानें गई, भारत के कितने परिवारों ने अपनों को खोया, हमारे देश को बहुत ज्यादा धन हानि का नुकसान उठाना पड़ा, देश का बंटवारा भी हुआ और कितनी ऐसी चीजें भी खो गई जो हमारे गौरव का एक रुप थी। जाते जाते यह सभी चीजें भारत को उसका सबसे अनमोल तोहफा दे गई, हमारे देश को वह मिला जिसकी हमें पिछले 200 सालों से कामना थी। तोहफे में भारत को उसकी आजादी मिली। उसे आजादी और उस शक्ति पर देश का हर एक नागरिक आज भी नाज करता है।
हर वर्ष भारत में स्वतंत्रता दिवस बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है, यह हमारे देश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय पर्व बन गया है। भारत का अपना स्वतंत्रता दिवस मनाने का अंदाज दुनियाभर में चर्चा में रहता है। हमारे देश के प्रधानमंत्री, हमारे ऐतिहासिक लाल किले पर जाकर हमारा तिरंगा लहराते हैं। स्वतंत्रता दिवस के दिन जब हमारे प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं, भारत के हर एक नागरिक को अपने देश की प्राचीनता पर नाज होता है।
केवल सरकारी ही नहीं बल्कि हमारे देश का हर घर, हर विद्यालय, सभी सरकारी इमारतें, सभी तरह के दफ्तर और हर छोटी बड़ी जगह पर, हमारा तिरंगा झंडा लहराया जाता है। हमारा राष्ट्रगान गाया जाता है, हर कोई दिल से वंदे मातरम के नारे लगाता है और एक दूसरे का मुंह मीठा कराता है।
सारांश
कैसे भूल सकते हैं हम उस दिन को जब हमारे देश का हर एक व्यक्ति एकजुट होकर खड़ा हुआ था। 15 अगस्त 1947, कोई आम तारीख नहीं बल्कि भारत के इतिहास का वह सुनहरा दिन है, जो आज भी भारत के हर एक नागरिक के दिल में बसता है। केवल 15 अगस्त ही नहीं, बल्कि उससे पहले आने वाले हर उस साल पर हमें नाज है, जिनमें की गई छोटी-छोटी कोशिशों ने हमारे देश को इस मुकाम पर ला खड़ा किया। जिसमें भारत में एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई।
Independence Day Essay in Hindi | 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में 1000 शब्द
स्वतंत्रता दिवस की घोषणा
15 अगस्त,1947 की रात पंडित जवाहरलाल नेहरु जी ने कहा था कि, यह पल हर भारतीय के लिए जितना खुशी का है उतना ही गम का भी है। उस रात जैसे ही घड़ी के कांटे 12:00 बजें तक पहुंचें। अब चाहे सारी दुनिया सो ही रही हो, पर भारत का हर एक नागरिक उस रात उस सूरज को चढ़ते हुए देखेगा जो हमारे देश में एक नई सुबह का ऐलान करेगा। एक तरफ जहां हमारा देश अपनी स्वतंत्रता ले रहा था, वहीं दूसरी तरफ देश का बंटवारा भी हो रहा था। यह खुशी का पल था कि हमारे देश ने सालों मेहनत करने के बाद अपनी स्वतंत्रता हासिल की, परंतु जाते जाते अंग्रेज हमारे देश को दो हिस्सों में बांट गए। यही वजह है कि पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त,1947 को मनाता है और भारत अपना स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाता है।
15 अगस्त 1947 को भारत ने संवैधानिक रूप में अपनी स्वतंत्रता को पाया था। यह भारत के इतिहास का वह दिन है जिसने हमारे देश की राजनीति को स्वतंत्र और लोकतांत्रिक माइनों में एक मजबूत राष्ट्र के रूप में खड़ा किया। जिस स्वतंत्रता और आजादी को हम 15 अगस्त के रूप में मनाते हैं। वह आजादी हमारे देश के महान वीरों का दिया हुआ तोहफा है। इस तोहफे की कीमत हमारे देश ने बहुत से लोगों की जान देकर चुकाई है।
आज भी भारत देश को – सूर्य सेन, विनायक दामोदर, चितरंजन दास, भीमराव अंबेडकर, बिपिन चंद्रा पाल, सरोजिनी नायडू, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, और ऐसे सभी उन लोगों पर नाज है जिन्होंने भारत को एक अखंड राज्य के रूप में स्थापित किया। हमारा स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए एक ऐसा मौका है, जिससे हम इन सभी महान लोगों के बलिदान को हमेशा हमारे देश की एकता के रूप में सजाए रख सकते हैं।
हम स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाते हैं?
सभी विद्यालय और विश्वविद्यालयों के छात्र- छात्राएं सफेद रंग के कपड़े पहनकर, घर से अपने-अपने विद्यालयों में तिरंगा झंडा लहराते हैं। आज के दिन कई जगहों पर ऐसे समारोह आयोजित किए जाते हैं, जिनमें बहुत सारी कलाकृतियां, नृत्य, गीत, आदि आयोजित किए जाते हैं। यह सभी समारोह हमारे देश की संस्कृति और आजादी से जुड़ी कलाओं का प्रदर्शन करते हैं।
प्रधानमंत्री जी के द्वारा लाल किले पर झंडा फहराने और स्पीच देने के बाद कुछ परेड और झांकियां निकाली जाती हैं। इसमें निकाली जाने वाली झांकियां हमारे देश के विभिन्न प्रकार के नृत्य, गीत, जानी मनी ऐतिहासिक इमारतें, हमारे देश की भाषाएं, अलग-अलग संस्कृति और धर्म के लोग, और हमारे देश की सभी वह चीजें दिखाई जाती हैं जो हमारे देश की एकता और गौरव का प्रतीक है।
आज के दिन हर एक भारतीय चाहे वह किसी भी धर्म का क्यों ना हो, एक दूसरे का मुंह मीठा कराते हैं और एक दूसरे को स्वतंत्रता की बधाई देते हैं। हमारे देश की हर गली, हर सड़क देश भक्ति के गानों और नारों से गूंज उठती है।
स्वतंत्रता दिवस के दिन हर भारतीय की आंखों में उनके देश के प्रति प्यार और गर्व देखने को मिलता है। सिर्फ देश के बड़े ही नहीं बल्कि देश भक्ति की भावना तो उन छोटे-छोटे स्कूल के बच्चों में भी देखने को मिलती है, जो बच्चे एकता का प्रतीक बन के हाथ पकड़ कर तिरंगा लहराते हुए चलते है।
आजादी की लड़ाई
माना जाता है कि भारत ने अपनी आजादी की लड़ाई 1857 से 1947 के बीच लड़ी थी। आजादी की यह ज्वाला कब बंगाल से शुरू हुई और पूरे देश में फैल गई किसी को पता तक नहीं चला। इंडियन नेशनल कांग्रेस का स्थापित होना, हर भारतीय के लिए ऐसा मैदान बना जिसने सभी को अपने हक की बात बोलने का मौका दिया। सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि पूरा देश महात्मा गांधी जी के सत्य और अहिंसा की राह पर चल पड़ा। सत्य और अहिंसा भारत का सबसे बड़ा हथियार बन गए।
1920 में आई डिसऑबेडिएंस मूवमेंट ने अंग्रेजों के पैरों तले जमीन सरका दी। यहां तक आते-आते अंग्रेजों को यह अंदाजा हो गया था कि अब भारतीय लोग चुप नहीं बैठेंगे। यह बहुत जरूरी थी कि भारत का आम आदमी भी सर उठाए,और एक दूसरे का साथ दे। हमारे देश की आम जनता को जागृत करने के लिए बहुत से देश हित में लिखने वाले पत्रकारों और कवियों ने ऐसे लेख लिखें, जिससे भारत के बच्चे बच्चे में आजादी को लेकर जोश आ गया।
कस्तूरबा गांधी और प्रतिलता दो ऐसी महिलाएं थी जिन्होंने भारत की औरतों को उनके सम्मान की लड़ाई को लड़ना सिखाया। इन दोनों ने सभी औरतों को जागृत किया और उन्हें भारत की आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने का महत्व सिखाया।
अंग्रेजों का एक फैसला उनकी सबसे बड़ी गलती बन गया। तो अंग्रेजों ने यह तय किया की भारत को काबू करने के लिए संविधान की जरूरत है वह कहीं भी किसी को भी जेल में डाल सकती है। अंग्रेजों के इस फैसले ने भारत के लोगों के अंदर आजादी की ज्वाला को और ज्यादा बढ़ा दिया। वह ऐसा समय था जब भारत का हर एक नागरिक हर संभव कोशिश और लड़ाई से ब्रिटिश राज्य को गिराने में लग गए।
भारत की ऐसी आजादी की लड़ाई ने पूर्ण स्वराज को जन्म दिया और आखिरकार सालों की मेहनत के बाद वह दिन आया, जब भारत को आजादी मिली। 15 अगस्त,1947 को भारत को सार्वजनिक और संविधानिक रूप से आजादी मिली। भले देश का बंटवारा हुआ परंतु भारत को उसका आत्मसम्मान वापस मिल गया। 15 अगस्त इतिहास के पन्नों में उस दिन का नाम है जब हमारे देश ने राख से उठकर फिर से एक नई पहचान बनाई।
सारांश
आज हम सभी को अपने भारतीय होने पर इसलिए भी गर्व है क्योंकि, हम उस देश में रहते हैं जहाँ हर किसी को अपने हक की बात बोलने की आजादी है। आज भारत एक इतना मजबूत देश है जिसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। भारत का कोई भी नागरिक अन्याय सहना नहीं जानता, बल्कि उसके खिलाफ आवाज उठाना और लड़ना जानता है। जो भी कोई देश भक्ति और अपने देश के प्रति प्यार की तलाश में है, तो उस भारतीय की आंखों में जरूर देखें जो राष्ट्रगान गाते समय अपने तिरंगे को देखता है। ऐसे इंसान की आंखों में देख कर आपको भारत के गौरव, अखंडता, और दुनिया भर में सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश होने की उर्जा दिखाई देगी।
अंत के कुछ शब्द
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